Tuesday, September 25, 2007

दृष्टि-दोष

इस दुनिया में -
न कोई अमीर है ,

न कोई गरीब है,
न कोई बड़ा है ,
न कोई छोटा है,
न कोई सुखी है ,
न कोई दुःखी है ,
हर कोई इस दुनिया में -
अमीर है ,
गरीब है ,
बड़ा है ,
छोटा है ,
सुखी है,
दुःखी है ,
बीरबल की खींची गयी-
लकीर की तरह ,
एक दुसरे की तुलना में,
एक दुसरे की तुलना में ।

-विनय ओझा स्नेहिल

1 comment:

Udan Tashtari said...

सही है. सब कुछ तुलनात्मक ही तो है.