Friday, February 13, 2009

चिराग अपनी उम्मीदों के....

बहुत अँधेरा है पर दिल को मत उदास रखो ।
चिराग अपनी उम्मीदों के आस पास रखो ॥
मेरी तस्वीर तुम्हे जाम में दिख जाएगी -
अपने होठों पे मेरे नाम की एक प्यास रखो ॥
हार ख़ुद जीत का बन हार गले आ के पड़े -
बुलंद इतना दिल में जीत का एहसास रखो॥
- विनय ओझा 'स्नेहिल'