कैसी तालीम है तहज़ीब में ढलना नहीं सीखा।चाँद की सैर कर आए ज़मीं पर चलना नहीं सीखा।। सियासत के बगीचे में चील कौवों का डेरा है। लगाए पेड़ क्यों ऐसे जिसने फलना नहीं सीखा।।
Thursday, March 3, 2022
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